हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्टर से बातचीत के दौरान ईरान के शहर मिश्कात के इमाम जुमा हुज्जतुल इस्लाम ग़ुलाम रज़ा पहलवानी ने माह-ए-रजब की मुबारकबाद देते हुए अमेरिका की ईरान पर हमले की बेबुनियाद धमकियों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा,सीरिया की हालिया घटनाओं और बशर अलअसद की सरकार को खत्म करने के बाद दुश्मन ने जनता के विचारों और सोच को निशाना बनाया है और ईरान को कमजोर दिखाने की कोशिश कर रहा है। क्योंकि अमेरिका सिर्फ इस्लामी गणराज्य का ही विरोधी नहीं है बल्कि वह एक मजबूत और स्वतंत्र ईरान का भी विरोधी है।
उन्होंने आगे कहा,निराशा दुश्मन की युद्धनीति का केंद्रीय हथियार है।
हुज्जतुल इस्लाम पहलवानी ने कहा,समाज आशा के जरिए जीवित रहता है और प्रतिरोध (मुक़ावमत) की भावना आशा से मजबूत होती है। यदि आशा को निराशा और हताशा में बदला जाए तो दुश्मन युद्ध जीत जाएगा यही कारण है कि रहबर-ए-इंकलाब ने निराशा पैदा करने को अपराध करार दिया है।
उन्होंने यह भी कहा,जो लोग समाज में निराशा फैलाकर लोगों के दिलों को खाली कर देते हैं और प्रतिरोध को कमजोर करते हैं वे जानबूझकर या अनजाने में दुश्मन के लिए काम कर रहे होते हैं और उसके नापाक मंसूबों को पूरा कर रहे होते हैं।
            
                
                                        
                                        
                                        
                                        
                                        
                                        
                                        
                                        
                                        
                                        
                                        
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